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Rahasyamaya Girnar (en Hindi)
Anantrai Rawal G. (Autor)
·
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
· Tapa Dura
Rahasyamaya Girnar (en Hindi) - Anantrai Rawal G.
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Reseña del libro "Rahasyamaya Girnar (en Hindi)"
अनंतराय जी. रावल का जन्म 26 जून, 1939 को जूनागढ़ जिले के धावागीर गाँव में हुआ। उनके गाँव के लोग प्यार से उन्हें 'अनुभाई' कहते हैं। धावागीर गाँव के साधारण मध्यम परिवार में पैदा हुए अनंतरायजी का बड़ा संयुक्त परिवार था। परिवार में चार भाई और पाँच बहनें। कक्षा चार तक अपने गाँव में ही शिक्षा ली। बाद में आगे की शिक्षा वेरावल में और सोमनाथ कॉलेज से क्च्न की डिग्री ली। पोरबंदर के क्त्रत्रञ्ज कॉलेज से बी.एड. की डिग्री ली। 30 वर्ष तक अध्यापन कार्य। शिक्षक की पहली नौकरी अमरेली जिला के खांभा गाँव में। वहीं पर कक्षा 8 से कक्षा 12 तक के छात्रों को पढ़ाया। जूनागढ़ का गिरनार पर्वत सबसे प्राचीन पर्वत माना जाता है और शताब्दियों से गिरनार ऋषियों और सिद्ध योगियों की साधना स्थली रहा है। जूनागढ़ के प्रति स्वाभाविक लगाव होने के कारण ऐसे सिद्ध योगियों से लेखक का संपर्क रहा। उन्होंने अपने अनुभवों को इस पुस्तक में सँजोकर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। संप्रति शिक्षक की नौकरी से सेवा-निवृत्त होकर केशोद (जूनागढ़ जिला) में केशव कोऑपरेटिव बैंक में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के नाते सेवारत और साथ-साथ लेखन कार्य भी।
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Dura.
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